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Wednesday, 4 May 2016
आज भी जीवित हैं हनुमानजी, रहते हैं इस पहाड़ पर
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गंधमादन पर्वत का एक दृष्य |
शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि 8 ऐसे लोग हैं जिन्हें चिरंजीवी यानी अमर होने का वरदान है। इनमें एक भगवान हनुमान भी हैं। भगवान राम और सीता से वरदान पाने के कारण हनुमान अमर हो गए। मान्यताओं के अनुसार, कैलाश पर्वत से उत्तर दिशा की ओर एक खास जगह है, जहां भगवान हनुमान आज भी निवास करते हैं। भगवान हनुमान के निवास स्थल का वर्णन कई ग्रंथों और पुराणों में भी मिलता है।
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हनुमान और भीम की प्रतिकात्मक तस्वीर |
पुराणों
के अनुसार, कलियुग में हनुमान गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं। एक कथा के
अनुसार, अपने अज्ञातवास के समय हिमवंत पार करके पांडव गंधमादन के पास
पहुंचे थे। एक बार भीम सहस्रदल कमल लेने के लिए गंधमादन पर्वत के वन में
पहुंच गए थे, जहां उन्होंने हनुमान को लेटे देखा और फिर हनुमान ने भीम का
घमंड चूर कर दिया था।
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गंधमादन पर्वत का एक दृष्य |
गंधमादन पर्वत क्षेत्र और वन-
शास्त्रों में
बताया गया है कि गंधमादन पर्वत कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है। इस
पर्वत पर महर्षि कश्यप ने तपस्या की थी। इस पर्वत पर गंधर्व, किन्नरों,
अप्सराओं और सिद्ध ऋषियों का निवास है। इस पर्वत के शिखर पर किसी वाहन से
पहुंचना असंभव माना जाता है।
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गंधमादन पर्वत का एक दृष्य |
वर्तमान में कहां है गंधमादन पर्वत-
गंधमादन
पर्वत हिमालय के कैलाश पर्वत से उत्तर दिशा की ओर है। यह पर्वत कुबेर के
राज्यक्षेत्र में था। सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में गजदंत पर्वतों में
से एक को उस काल में गंधमादन पर्वत कहा जाता था। आज यह क्षेत्र तिब्बत के
इलाके में है।
इसी नाम से एक और पर्वत रामेश्वरम के पास भी स्थित है, जहां से हनुमानजी ने समुद्र पार करने के लिए छलांग लगाई थी।
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गंधमादन पर्वत पर बना मंदिर |
गंधमादन पर्वत पर बना मंदिर
गंधमादन
पर्वत पर एक मंदिर भी बना हुआ है, जिसमें भगवान हनुमान के साथ ही भगवान राम
आदि की भी मूर्तियां हैं। कहते हैं इसी पर्वत पर भगवान श्रीराम अपनी वानर
सेना के साथ बैठ कर युद्ध के लिए योजना बनाया करते थे। कई लोगों का कहना
है कि इस पर्वत पर भगवान राम के पैरों के निशान भी हैं।
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