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Wednesday, 6 April 2016

सामने आया रेड लाइट एरिया का दर्दनाक सच, यूं मुंबई लाई जा रही लड़कियां

 
मुंबई.मायानगरी मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी सेक्स वर्कर्स की ट्रैफिकिंग हो रही है। सेक्स वर्कर्स के रिहैबिलिटेशन  खुलासा एक रिपोर्ट में किया है। सेक्स वर्कर्स को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट...
 
 वेस्ट बंगाल और बांग्लादेश से बहला-फुसला कर महिलाओं को सेक्स रैकेट में लाया जा रहा है।
- महिलाओं को जॉब और बेहतर जीवन का लालच दिया जाता है।
- इसके बाद मुंबई लाकर उन्हें नशीले इंजेक्शन देकर कैद कर दिया जाता है।
-  रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में लगभग 3 मिलियन बांग्लादेशी ऑफिशियली रहते हैं।
- वहीं, हर रोज सैकड़ों बांग्लादेशी एजेंट के जरिए बॉर्डर क्रॉस कर इंडिया आ रहे हैं।
 
 
 क्या है रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की स्थिति?
- एनजीओ प्रेरणा की को-फाउंडर प्रीति पाटकर के मुताबिक, 2010-2015 के बीच उनके एनजीओ के नाइट केयर सेंटर में 213 सेक्स वर्कर्स के बच्चे पढ़ते थे।
- इनमें से कुल 128 बच्चों की मां बंगाली बोलने वाली हैं। पाटकर बताती हैं कि कमाठीपुरा में बांग्ला भाषी सेक्स वर्कर्स का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से भी लड़कियों को यहां लाया जा रहा है।
 
 
ऐसी हो जाती सेक्स वर्कर्स की लाइफ...
- बांग्लादेश और अन्य राज्यों से लाई जाने वाली महिलाओं को नशे की लत लगा दी जाती है।
- उन्हें तब तक छोटे अंधेरे कमरे में इंजेक्शन देकर बंद रखा जाता है जब तक उनका विल पावर खत्म न हो जाए।
- जवान दिखने के लिए टैबलेट्स भी दी जाती है। इन टैबलेट्स का सेवन न करने पर लड़कियों को बेचैनी होती है।
- एक रात में इन लड़कियों को 5 से 8 कस्टमर्स को परोसा जाता है।
- यदि लड़कियां सेक्स करने से मना करती है तो उन्हें पीटा जाता है।
 
 

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