LATEST:11:49am एक मौके ने रातोंरात बदली गांव की लड़की की LIFE, बनी सुपरहिट एक्ट्रेस

Thursday, 5 May 2016

सऊदी को भूल जाइए, भारत के इस पड़ोसी देश में हाथों से निकाल लेते हैं तेल


इंटरनेशनल डेस्क. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के प्राइस तेजी से नीचे आने से सऊदी अरब को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्योंकि देश की 90% जीडीपी ऑयल पर ही निर्भर है। क्रूड ऑयल को निकालना और उसकी रिफायनरी टेक्निक काफी महंगी होती है। ऐसे में हम आपको भारत के पड़ोसी देश म्यांमार के बारे में बता रहे हैं, जहां लोग क्रूड ऑयल हाथों से ही निकाल लेते हैं। कैसे निकालते हैं क्रूड ऑयल...

- तेल के कुंए को खोदने के लिए वर्कर ट्राइपॉड नुमा (तीन टांग वाला) बांस या पेड़ के तने का इस्तेमाल कर उसे जमीन में गाड़ते हैं।
- यह करीब 40-50 फीट ऊंचे होते हैं। इसमें चरखी लगा होती है, जिसकी मदद से ड्रिल करके ऑयल खींचा जाता है।
- हालांकि, ऑयल की सतह तक पहुंचने के लिए वर्कर्स को घंटों मशक्कत करनी पड़ती है।
- एक वर्कर 300 फीट वाले कुंए से हाथ से ही खींच कर तेल निकालता है।
- हर दिन तीन छोटे तेल के कुंए से 30 डॉलर (करीब 2000 रु) का क्रूड ऑयल जमीन से निकाल जाता है।
- कुछ वर्कर्स ने कुंए के परमिट किसानों से 1,000 डॉलर (66 हजार रुपए) में खरीदे हैं।
- यहां कड़ी मेहनत के बाद एक वर्कर दिनभर में 300 बैरल क्रूड ऑयल इकट्ठा करता है।
- इसकी कीमत 3,000 डॉलर होती है, जिसे स्थानीय रिफाइनरी को बेचा जाता है।
आर्मी रूल ने नहीं होने दिया मॉर्डनाइजेशन
- म्यांमार में लोग अब भी परंपरागत तरीके से क्रूड निकालने का काम कर रहे हैं।
- 50 साल से आर्मी रूल झेल रहा ये देश अब तक फॉरेन इन्वेस्टमेंट से दूर रहा है।
- यहां नेचुरल रिसोर्सेस के एक बड़े हिस्से (ऑयल सेक्टर) का मॉर्डनाइजेशन होना बाकी है।

महंगा है ऑयल निकालना
- एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक एकड़ ऑयल फील्ड की कीमत लगभग 4,000 डॉलर (2.62 लाख रु) होती है। 
- जबकि ड्रिलिंग 2,000 डॉलर (1.33 लाख रु) है। वहीं, इसका परमिट लोकल रिफाइनरी से खरीदा जाना आवश्यक शर्तों में से है।
- कीमतों में अंतर हो सकता है। पर बात जब रिश्वत देने पर आती है, तो ड्रिलिंग और भी महंगी हो जाती है।
- कई ड्रिलर खुद के सोर्सेज का इस्तेमाल कर आपस में हिस्सा बांट लेते हैं।
- वहीं, कुछ तब तक हाथ से ड्रिलिंग करते रहते हैं, जब तक उनके पास खुद का जेनरेटर खरीदने की हैसियत न हो जाए।

झगड़े भी होते हैं यहां
- यहां के कई ऑयल फील्ड में ड्रिलर अवैध तरीके से भी तेल निकालने का काम रहे हैं।
- इन्हें रोकने पर ये हिंसा पर भी उतारू हो जाते हैं।
- 2011 में आर्मी रूल खत्म होते ही म्यांमार ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ऑयल ब्लॉक्स फाॅरेन इन्वेस्टमेंट के लिए खोल दिए।

Related Articles

0 comments:

Post a Comment

Blog Archive

Powered by Blogger.