यह शिवलिंग दिन में 3 बार बदलता है अपना रंग, आज भी है रहस्य
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अचलेश्वर महादेव |
राजस्थान का धौलपुर जिले में एक चमत्कारिक शिवलिंग है। यह शिवलिंग और इससे जुड़ा चमत्कार न की सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी जिज्ञासा का केन्द्र बना हुआ है।
धौलपुर
जिले में राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थापित अचलेश्वर शिवलिंग
अपने आप में बहुत खास है क्योंकि यह शिवलिंग न की सिर्फ दिन में तीन बार
रंग बदलता है बल्कि इसका कोई अंत भी नहीं है। कई लोगों ने जमीन के कई
कि.मी. नीचे तक खुदाई करके इस शिवलिंग का अंत ढ़ूढ़ने की कोशिश की, लेकिन
आज तक कोई सफल नहीं हो पाया।
किस समय रहता है शिवलिंग का कौन सा रंग-
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अचलेश्वर महादेव |
सुबह
के समय इसका रंग लाल, दोपहर को केसरिया और रात को काला हो जाता है। इस
शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं। वैज्ञानिकों ने
भी इस शिवलिंग के रंग बदलने के रहस्य का पता लगाने की बहुत कोशिश की लेकिन
विज्ञान भी यहां होने वाले चमत्कार के आगे हार गया। रोज दिन में 3 बार
होने वाले चमत्कार को देखने के लिए यहां हर समय भक्तों क भीड़ लगी रहती है।
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मंदिर में स्थापित नंदी की मूर्ति |
गंधमादन
पर्वत पर एक मंदिर भी बना हुआ है, जिसमें भगवान हनुमान के साथ ही भगवान राम
आदि की भी मूर्तियां हैं। कहते हैं इसी पर्वत पर भगवान श्रीराम अपनी वानर
सेना के साथ बैठ कर युद्ध के लिए योजना बनाया करते थे। कई लोगों का कहना
है कि इस पर्वत पर भगवान राम के पैरों के निशान भी हैं।
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अचलेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह का दृष्य |
दर्शन करने से जरूर पूरी होती है शादी की मन्नत-
ऐसा
माना जाता है कि जो भी कुंवारा या कुंवारी यहां शादी से पहले मन्नत मांगने
आते हैं, उनकी मुराद जरूर पूरी होती है। शिवजी की कृपा से लड़कियों को
मनचाहा वर मिलता है। शिवलिंग की मान्यता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
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अचलेश्वर महादेव |
कितना पुराना है यह शिवलिंग-
स्थानीय
लोगों के अनुसार, यह चमत्कारिक शिवलिंग लगभग एक हजार साल पुराना है। यह
शिवलिंग यहां कैसे आया, इसकी स्थापना के पीछे की कहानी अभी भी रहस्य बनी
हुई है। दिन पर दिन लोगों के बीच इस शिवलिंग को लेकर जिज्ञासा और आस्था
बढ़ती जा रही है।
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