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Thursday, 5 May 2016

यहां महिलाओं को पीटना है लीगल, जानें ऐसे ही बेतुके नियम


इंटरनेशनल डेस्क।ब्रिटेन में एक मुस्लिम ग्रुप ने बेतुका फरमान सुनाया है। ब्लैकबर्न मुस्लिम एसोसिएशन ने महिला सदस्यों के लिए 48 मील से लंबी दूरी के बाद अकेले सफर करने पर पाबंदी लगा दी है। इसके आगे के लिए सफर के लिए महिला के साथ किसी पुरुष का होना जरूरी है। इतना ही नहीं, ग्रुप ने पुरुषों को दाढ़ी और महिलाओं को नकाब पहनने के लिए भी कहा है। ये कोई पहला मौका नहीं है जब ऐसे बेतुके फरमान सुनाए गए हो। कई देशों में महिलाओं के लिए ऐसे बेतुके नियम कायदें हैं। महिलाओं को पीटना है लीगल...

- नाइजीरिया में पत्नी को पीटना क्राइम में शामिल नहीं है।
- घरेलू हिंसा यहां कानूनी तौर पर मान्य है।
- स्कूल में बच्चों के सजा देने और घर में नौकर के मारने-पीटने पर भी कोई पाबंदी नहीं है।




माल्टा में अगर महिला को किडनैप करने के बाद उससे शादी कर ले तो इसे क्राइम नहीं माना जाता। इतना ही नहीं, किडनैपर को कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद भी अगर लड़की उससे शादी कर ले तो सजा माफ हो जाएगी। ऐसे ही लेबनान में भी रेप और किडनैपिंग जैसे अपराध उसकी लड़की से शादी कर माफ कराए जा सकते हैं। हालांकि, यहां पांच साल से पहले तलाक होने जाने पर सजा फिर से लागू हो जाएगी।


चीन में महिलाओं को मजदूरी करने की इजाजत नहीं है। महिलाएं माइंस और ऐसे बाकी भारी काम नहीं कर सकती हैं। इसी तरह मेडागास्कर में महिलाओं के रात में काम करने पर पाबंदी है। वो अपने फैमिली बिजनेस में भी रात के वक्त काम नहीं कर सकतीं।


ईरान में किसी गंभीर केस में अकेले महिला की गवाही पर कोर्ट फैसला नहीं सुना सकती। जिन मामलों में कड़ी सजा है, उनमें चार महिलाओं के साथ दो पुरुषों की गवाही जरूरी है


इजरायल में यहूदी लोगों के बीच शादी और तलाक रेब्बैनिकल नियम से तय होता है। यहां पति की मर्जी के बिना कोर्ट महिला की तलाक की अपील नहीं सुनती। साथ ही, ये भी जरूरी है कि दोनों छह साल से अलग रह रहे हों।


ट्यूनिशिया में लड़कियों को अपने पिता की संपत्ति में बराबर का हिस्सा नहीं मिलता। उन्हें अपने भाई को मिलने वाले हिस्से का हमेशा आधा ही मिलेगा। भाई नहीं हो तो भी संपत्ति का सिर्फ आधा हिस्सा मिलता है। यहीं संपत्ति में हिस्सेदारी का यही नियम सऊदी अरब में भी है।


कांगो में महिलाओं के हर फैसले उनके पति या घर के पुरुषों पर निर्भर होते हैं। महिलाओं के काम भी वहीं तय करते हैं। यहां महिलाएं सिविल कोर्ट में भी अकेल नहीं जा सकती हैं और न ही अकेले अपना बिजनेस शुरू कर सकती हैं। यमन और गिनी में भी ऐसे ही नियम-कायदे हैं।



सऊदी अरब में 1990 में जारी फतवे के बाद महिलाओं के ड्राइविंग करने पर पाबंदी है। हालांकि, ऑफिशियल तौर पर इसका लिखित में कहीं जिक्र नहीं है।

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