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Friday, 6 May 2016

They are afraid of ISIS militants, look Yjidi of female fighters LIFE

IS militants last year, in August 2014, Iraq was captured on Sinjar. Hundreds were killed here. Yjidion was taken hostage in the thousands.

International guests. In 2014, when he was seized by ISIS Iraq Sinjar town Yjidi some women had taken the gun against him. He still regain its territory and are fighting for the security of the people of the community. Peshmrga Kurdish women are part of the female unit. These fighters are afraid to tell the terrorists. He died at the hands of the woman will not get them from paradise. Here, why did the gun Yjidi woman ...


- Dahir said one female fighter Asema IS captured the eight areas. Many children were being killed in front of them.
- Asema 21 years, according to his uncle and cousin's wife IS militants had killed. They had been married for eight days.
- He terrorists female fighters unit Yjidi women rape, assault and murder to avenge built.
- Military dressed Asema Iraq near Mosul North is positioned on a Cakpwaint. 
Husband left to fight terrorists

- 24 years Hseba Naujad "The terrorists attacked the Sinjar, he was in Turkey with her ​​husband." 
- "I saw the Kurdish Islamic State has made ​​the ground so I was very angry." 
- " I figured out that my Kurdish sisters being raped so I could not bear the torture. " 
-" I left my husband came here for the security of the community. " 
-" with my own husband contact has ended and now my marriage. " 
-" our Story INSPIRE will to fight other women. "

Dahir said one female fighter Asema IS captured the eight areas. Many children were being killed in front of them.
Kurdish women fighters who are?

- Waypiji the Kurdish People's Protection Units have 50 thousand Dyada fighters. 20% are female fighters. 
- Most number of Kurdish people. The Iraq-Syria are playing a bigger role in the fight against ISIS. 
- Last year, in August 2014 IS terrorists was captured on Iraq Sinjar. 
- The murder of hundreds. Yjidion was taken hostage in the thousands. 
- Next, to liberate Sinjar Yjidi the PKK and Kurdish fighters Peshmrga joined with. 
- The men with the women of his land also launch a war against the IS a. 
- most of these female fighters have between 18 and 25 years of age. Many of them are women, which is the household. 
- The fighters have come from different parts of Kurdistan, but all this only speaks Kurdish. 
- These comrades among themselves, saying to one another may address which means that they will meet every challenge.
Asema 21 years, according to his uncle and cousin's wife IS militants had killed. They had been married for eight days.

युवा सोशल मीडिया पर इन बातों का रखें ध्‍यान

सोशल मीडिया के अगर फायदे बहुत हैं तो नुकसान भी कम नहीं है। इसके जरिए लोग आपकी फोटो और निजी जानकारियों को हासिल करें उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। खासकर युवाओं को सोशल मीडिया के प्रयोग में खासी सावधानी बरतनी चाहिए।

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    सोशल मीडिया और युवाओं की सुरक्षा

    आजकल सोशल मीडिया युवाओं के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। एक तरफ जहां यह हमें एक दूसरे को जोड़ने का सशक्त जरिया बन गया है वहीं लोग धड़ल्ले से इसका दुरुपयोग भी करते हैं। सोशल मीडिया पर आने से पहले युवाओं को कुछ बातों का खयाल रखना बहुत जरूरी है। क्योंकि सवाल आपकी सुरक्षा का है। .
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    फोटो लॉक करें

    सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा मामले फोटो के दुरुपयोग के आते हैं, इसलिए अपनी निजी तस्वीरों को अपलोड ना ही करें तो बेहतर है। अगर कोई तस्वीर अपलोड करते भी हैं तो उसकी प्राइवेसी सेटिंग जरूरत के हिसाब से रखें। सोशल मीडिया पर सुरक्षा के विकल्प भी मौजूद होते हैं बस जरूरत है आपको जानकारी होने की।
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    टैगिंग लॉक

    बतौर सुरक्षा फोटो एलबम लॉक करने के बाद भी कई बार आपको किसी तस्वीर में टैग कर दिया जाता है, जिससे वह सार्वजनिक हो जाती है और इसका दुरुपयोग संभव है। इसलिए या तो टैंगिंग लॉक करें या फिर रिव्यू ऑन रखें, जिसमें तस्वीर को सार्वजनिक करने से पहले आपसे अनुमति ली जाएगी।

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लॉगइन लोकेशन

फेसबुक जैसी कई सोशल नेटवर्किंग साइट लॉगइन लोकेशन का रिकॉर्ड रखती हैं। आप समय-समय पर इसे चैक कर पता कर सकते हैं कि कोई और आपका अकाउंट तो नहीं खोल रहा। फेसबुक पर यह विकल्प आपको सेटिंग में मिलेगा जहां सिक्योरिटी में आपको where you are logged in का विकल्प दिखेगा।


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मोबाइल अलर्ट ऑन रखें

फेसबुक पर मोबाइल अलर्ट की सुविधा मौजूद है, जिससे जब भी आपका फेसबुक अकाउंट लॉगइन किया जाएगा आपके मोबाइल पर एसएमएस पहुंच जाएगा। फेसबुक पर इस विकल्प के लिए सेटिंग में जाएं फिर सिक्योरीटी और फिर लॉगइन नोटिफिकेशन में जाएं।


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अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट ना लें

फेसबुक पर कभी भी किसी अनजान की रिक्वेस्ट ना लें तो ही बेहतर है लेकिन आप फ्रेंडलिस्ट बढ़ाने के लिए रिक्वेस्ट स्वीकार करना चाहते हैं तो उसकी भली-भांति जांच करें। सबस पहले रिक्वेस्ट भेजने वाले से सवाल पूछें कि वह आपका दोस्त क्यों बनना चाहता है? आपका प्रोफाइल उसे कैसे मिला? प्रोफाइल को पढ़ें और प्रोफाइल फोटो की वास्तविकता की जांच करें। पूरी तरह आश्‍वस्‍त होने के बाद ही फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करें।


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खुद को गूगल पर सर्च करें

आपके बारे में इंटरनेट पर किस तरह की जानकारियां उपलब्ध हैं। यह आप अपने नाम को गूगल समेत विभिन्न सर्च इंजनों पर सर्च कर पता कर सकते हैं। इसमें टेक्स्ट और इमेज, दोनों सर्च करें। कोई आपत्तिजनक या व्यक्तिगत जानकारी या तस्वीर होने पर उसके स्रोत का पता कर उसे हटाने का प्रयास कर सकते हैं।


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सिक्योरिटी क्वेशचन का चुनाव

पासवर्ड सेट करते समय अक्सर आपको एक सवाल सेट करना होता है। इसमें आप कोई ऐसा सवाल चुनें, जिसके जवाब का अंदाजा आपके प्रोफाइल के आधार पर न लगाया जा सके। इससे आपके सोशल मीडिया अकाउंट के हैक होने की आशंका कम हो जाती है।

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ब्राउजर अपडेट करते रहें

अपने प्रोफाइल को सुरक्षित रखने के लिए आपको समय-समय पर अपने ब्राउजर (गूगल क्रोम, फायरफॉक्स आदि) को अपडेट करते रहना चाहिए। नए ब्राउजर्स में कई सुरक्षा संबंधित विकल्प आ रहे हैं, जो आपकी ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान सुरक्षा प्रदान करते हैं।


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कीप्ड लॉगइन ऑप्शन

सोशल मीडिया से जुड़ी कई वेबसाइट पर ‘कीप्ड लॉगइन’ का विकल्प मौजूद होता है, जिससे आपको बार-बार लॉगइन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। साइबर कैफे या किसी सार्वजनिक कम्प्यूटरों पर लॉगइन करते समय इसका उपयोग न करें।

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लिंक पर क्लिक करने से पहले सोचें

सोशल नेटवर्किंग से जुड़े ई-मेल अक्सर आते रहते हैं। साथ ही कई वेबसाइट्स पर सोशल नेटवर्किंग साइट की लिंक दी जाती है। इनके जरिए फेसबुक-ट्विटर आदि पर लॉगइन करने से जानकारी चोरी होने का खतरा होता है। बेहतर होगा आप ब्राउजर में ऊपर स्थित एड्रेस बार में ही साइट का नाम टाइप कर लॉगइन करें।



 मीडिया से जुड़ी कई वेबसाइट पर ‘कीप्ड लॉगइन’ का विकल्प मौजूद होता है, जिससे आपको बार-बार लॉगइन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। साइबर कैफे या किसी सार्वजनिक कम्प्यूटरों पर लॉगइन करते समय इसका उपयोग न करें।

पाकिस्तान के इन बच्चों को अजीब बीमारी, सूरज डूबते ही हो जाते हैं बेजान

रेयर मेडिकल कंडीशन से पीड़ित हैं तीनों भाई।

कराची।पाकिस्तान में तीन भाइयों की बीमारी डॉक्टर्स के लिए मिस्ट्री बनी हुई है। तीनों बच्चे सुबह होते ही एनर्जी से भर जाते हैं, लेकिन सूरज डूबते ही ये बेजान पड़ जाते हैं। इन्हें इस्लामाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एडमिट कराया गया है।शाम के वक्त हो जाते हैं पैरालाइज्ड...

- शोएब (1), राशिद (9) और इल्यास (13) क्वेटा से 15 किमी दूर मियान कुंदी गांव के रहने वाले हैं।
- तीनों भाई दिन भर एनर्जी से भरे एक आम बच्चे के जैसे रहते हैं, लेकिन शाम होते ही उनके लिए खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है।
- डॉक्टर ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि शाम को ये किस वजह से पैरालाइज्ड हो जाते हैं।
- इंस्टीट्यूट के चांसलर डॉ. जावेद अकरम के मुताबिक, ''ये बेहद रेयर मेडिकल कंडीशन है, जो पहले कभी हमारे सामने नहीं आई।''
- अकरम के मुताबिक, इन बच्चों का शरीर सूरज के उगने और डूबने के हिसाब से काम करता है।
मैसथेनिया सिंड्रोम से पीड़ित- ये बच्चे शुरुआती जांच में जन्मजात बीमारी मैसथेनिया सिंड्रोम से पीड़ित पाए गए हैं।
- इस सिंड्रोम के दुनियाभर में अब तक सिर्फ 600 केसेज ही सामने आए हैं।
- पाकिस्तानी मीडिया ने इन बच्चों को 'सोलर किड' का नाम दिया है।
- इनके पिता हाशिम यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं।
- इनके तीन बच्चे और हैं, लेकिन वो सामान्य बच्चों की तरह हैं।

Thursday, 5 May 2016

कभी पिता के साथ बेचते थे जूस, ऑडियो कैसेट बेच खड़ी की थी करोड़ों की कंपनी

मुंबई में अबु सलेम ने गुलशन की हत्या करवा दी थी।
नई दिल्ली.गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1951 को दिल्ली के एक पंजाबी अरोड़ा फैमिली में हुआ था। 12 अगस्त 1997 को मुम्बई के साउथ अंधेरी इलाके में स्थित जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गोली मारकर गुलशन की हत्या कर दी गई थी। उनके पिता चन्द्रभान दुआ दिल्ली के दरियागंज में एक जूस बेचते थे। गुलशन कुमार ने कैसे शुरू की म्यूजिक कंपनी...
- बचपन में गुलशन कुमार जूस की दुकान पर अपने पिता का हाथ बंटाते थे और यहीं से बिजनेस में इंटरेस्ट हो गया।
- जब वे 23 साल के थे तब उन्होंने फैमिली की मदद से एक दुकान को टेकओवर किया और रिकार्ड्स और ऑडियो कैसेट बेचना शुरू किया।
- यहीं से आगे चलकर उन्होंने नोएडा में अपनी कंपनी खोली और म्यूजिक इंडस्ट्री में बड़ा नाम बन गए।
- गुलशन कुमार ने अपने ऑडियो कैसेट के बिजनेस को 'सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड' का नाम दिया। जिसे टी-सीरीज के नाम से जाना जाता है।
- गुलशन कुमार ओरिजिनल गानों को दूसरी आवाजों में रिकॉर्ड कर कम दामों में कैसेट बेचा करते थे।
- जहां अन्य कंपनियों की कैसेट 28 रुपए में मिलती थी, गुलशन कुमार उसे 15 से 18 रुपए में कैसेट बेचा करते थे।
- इस दौरान उन्होंने भक्ति गानों को भी रिकॉर्ड करना शुरू किया और वो खुद भी ये गाने गाया करते थे।
- 70 के दशक में गुलशन कुमार के कैसेट्स की डिमांड बढ़ती गई और वो म्यूजिक इंडस्ट्री के सफल बिजनेसमैन में शुमार हो गए।
- ऑडियो कैसेट्स में सफलता के बाद गुलशन कुमार ने फिल्म इंडस्ट्री की ओर कदम रखा और मुंबई चले गए।
- इसके बाद वे म्यूजिक और बॉलीवुड फिल्मों के अलावा हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित फिल्मों और सीरियल्स को भी प्रोड्यूस करने लगे।
गुलशन कुमार के नाम पर वैष्णो देवी में भंडारा
- फिल्म इंडस्ट्री में सफल होने के बाद गुलशन कुमार ने अपनी कमाई का एक हिस्सा सोशल काम में खर्च किया।
- बता दें कि धर्म में उनकी काफी रूची थी और वे वैष्णो देवी के भक्त हैं।
- उन्होंने वैष्णो देवी आने वाले भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन कराया था, जो आज भी चलता है।
- गुलशन कुमार का यह भंडारा श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में आने वाले भक्तों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराता है।
- बताया जाता है कि जब अबु सलेम ने गुलशन कुमार से जब हर महीने 5 लाख रुपए देने के लिए कहा तो गुलशन कुमार ने इनकार करते हुए कहा कि इतने रुपए देकर वो वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे।
गुलशन कुमार की फैमिली
- गुलशन कुमार की मौत के बाद महज 19 साल की उम्र में उनके बेटे भूषण कुमार ने T-Series कंपनी की कमान संभाली।
- भूषण कुमार सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज लिमिटेड (T- Series) के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
- आज T-series भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनियों में शुमार है।
- भूषण ने 13 फरवरी 2005 को मॉडल और बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या खोसला से जम्मू-कश्मीर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में शादी की थी।
- दोनों का एक बेटा रूहान भी है, जिसका जन्म 11 अक्टूबर 2011 को हुआ था।
- गुलशन कुमार की एक बेटी तुलसी कुमार प्लेबैक सिंगर और दूसरी बेटी खुशाली कुमार मॉडल और डिजाइनर हैं।

पहले रेपिस्‍ट अफसर को पहुंचाया जेल, अब बनाई खुद के टॉर्चर की डॉक्युमेंट्री

रेप विक्टिम साक्षी भारती ने बनाई खुद की डॉक्‍युुमेंट्री।

कानपुर. चर्चित साक्षी भारती रेप कांड की विक्टिम ने खुद के साथ हुए घटनाक्रम पर एक डॉक्‍युुमेंट्री बनाई है। इसे मंगलवार को लखनऊ में रिलीज किया गया। बता दें, साल 2010 में हुए इस कांड का आरोपी सीओ अमरजीत शाही इस समय कानपुर जेल में है। उसे न सिर्फ बर्खास्‍त किया गया है बल्कि कोर्ट ने 10 साल की सजा भी सुनाई।

न्‍यूड फोटो और MMS बनाकर करता रहा 1 साल तक रेप
- 26 जनवरी साल 2010 को कानपुर के पुलिस लाइन में सीओ कैंट कैप्टन अमरजीत शाही से मिली थी।
- धीरे-धीरे हमारे बीच दोस्‍ती हो गई। इस बीच अमरजीत कभी पत्‍नी के साथ तो कभी अकेले घर आने लगा। 
- मेरे परिजन भी उसके घर आते-जाते थे। लेकिन उसके इरादों से मैं और मेरा परिवार अंजान था।
- 8 नवंबर 2010 की दोपहर करीब एक बजे अमरजीत घर आया था। उस समय घर पर मैं अकेली थी। 
- ठंड ज्यादा होने की बात कहकर मुझसे एक कप चाय बनाने के लिए कहा। 
- मैं जब चाय बनाकर आई, तो उसने पानी मांगा। मैं जब पानी लेने गई, तो उसने चाय में नशीला प्रदार्थ मिला दिया। 
- चाय पीने के बाद मुझे कुछ होश नहीं रहा। इस दौरान क्या हुआ मुझे नहीं पता। 
- बाद में शाही ने जब मेरी न्‍यूड फोटो और MMS दिखाई तो मेरे पैरों तले मानों जमीन खिसक गई। 
- इस फोटो और MMS को पब्लिकली करने की धमकी देकर शाही ने एक साल तक मेरे साथ रेप किया।
- एक बार मैंने जब उसके साथ रिलेशन बनाने से मना किया तो उसने अपना रिवाल्वर दिखाकर कहा, इससे कई लोगों का एनकाउंटर किया है। ना जाने कितनों को जेल में सड़ा चुका हूं। 
- मैं सीओ हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेरा तो कुछ नहीं होगा, लेकिन तुम्हारे परिवार को जेल में सड़ा दूंगा।
कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका अमरजीत
- साक्षी ने बताया, अमरजीत हमेशा कहता था कि तुम मेरी जिंदगी में कोई अकेली लड़की नहीं हो। 
- वह कानपुर से लखनऊ और मथुरा तक ना जाने कितनी लड़कियों के साथ रेप कर चुका है। 
- लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनकी मजबूरियों का फायदा उठना उसकी आदत बन चुकी थी। 
- कोई भी लड़की उसके रसूख के आगे जुबान नहीं खोल पाती थीं।


परिवार को जान से मारने की धमकी देता था आरोपी
- उसने बताया, कई बार रेप होने के बाद मैं अंदर से टूट चुकी थी। 
- इसी का नतीजा था कि 13 मार्च 2012 को मैंने जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की। 
- लेकिन मैं बच गई। इसके बाद मैंने अय्याश को सजा दिलाने की ठान ली। 
- मैंने अपने मम्‍मी-पापा को सच्चाई बताई और 13 मार्च 2012 को चकेरी थाने में अमरजीत के खिलाफ शिकायत पत्र दिया। 
- 15 मार्च 2012 को मेरा शिकायती पत्र स्‍वीकार कर अमरजीत के खिलाफ FIR दर्ज किया गया।
- 9 अप्रैल 2012 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई। 
- 18 अप्रैल 2012 को अमरजीत को जेल हुई। 29 मई 2012 से ट्रायल शुरू हुआ। 
- इसके बाद जून 2013 को वह बेल पर जेल से बाहर आ गया। 
- बाहर आने के बाद उसने कई बार मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। 
- जब इससे बात नहीं बनी तो उसने शहर में अफवाह फैला दी कि मेरे पापा ने लाखों रुपए लेकर केस वापस ले लिया है। 
- 18 मई 2015 को कोर्ट ने अमरजीत को 10 साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।

साक्षी ने कहा, बेशर्म था अमरजीत शाही
- साक्षी ने कहा, रेप के बाद न्याय पाने के लिए जो जलालत झेलनी पड़ती है, वह जीवन का सबसे बुरा अनुभव होता है। 
- अमरजीत बहुत बेशर्म इंसान था। उसकी हंसी मेरे लिए एक सबक थी। 
- मुझे बर्बाद करने के बाद भी वो हंस रहा था।
- लेकिन हर लड़की ना ही पैसे पर बिकती है और ना ही किसी और चीज के सामने झुकती है।

यहां महिलाओं को पीटना है लीगल, जानें ऐसे ही बेतुके नियम


इंटरनेशनल डेस्क।ब्रिटेन में एक मुस्लिम ग्रुप ने बेतुका फरमान सुनाया है। ब्लैकबर्न मुस्लिम एसोसिएशन ने महिला सदस्यों के लिए 48 मील से लंबी दूरी के बाद अकेले सफर करने पर पाबंदी लगा दी है। इसके आगे के लिए सफर के लिए महिला के साथ किसी पुरुष का होना जरूरी है। इतना ही नहीं, ग्रुप ने पुरुषों को दाढ़ी और महिलाओं को नकाब पहनने के लिए भी कहा है। ये कोई पहला मौका नहीं है जब ऐसे बेतुके फरमान सुनाए गए हो। कई देशों में महिलाओं के लिए ऐसे बेतुके नियम कायदें हैं। महिलाओं को पीटना है लीगल...

- नाइजीरिया में पत्नी को पीटना क्राइम में शामिल नहीं है।
- घरेलू हिंसा यहां कानूनी तौर पर मान्य है।
- स्कूल में बच्चों के सजा देने और घर में नौकर के मारने-पीटने पर भी कोई पाबंदी नहीं है।




माल्टा में अगर महिला को किडनैप करने के बाद उससे शादी कर ले तो इसे क्राइम नहीं माना जाता। इतना ही नहीं, किडनैपर को कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद भी अगर लड़की उससे शादी कर ले तो सजा माफ हो जाएगी। ऐसे ही लेबनान में भी रेप और किडनैपिंग जैसे अपराध उसकी लड़की से शादी कर माफ कराए जा सकते हैं। हालांकि, यहां पांच साल से पहले तलाक होने जाने पर सजा फिर से लागू हो जाएगी।


चीन में महिलाओं को मजदूरी करने की इजाजत नहीं है। महिलाएं माइंस और ऐसे बाकी भारी काम नहीं कर सकती हैं। इसी तरह मेडागास्कर में महिलाओं के रात में काम करने पर पाबंदी है। वो अपने फैमिली बिजनेस में भी रात के वक्त काम नहीं कर सकतीं।


ईरान में किसी गंभीर केस में अकेले महिला की गवाही पर कोर्ट फैसला नहीं सुना सकती। जिन मामलों में कड़ी सजा है, उनमें चार महिलाओं के साथ दो पुरुषों की गवाही जरूरी है


इजरायल में यहूदी लोगों के बीच शादी और तलाक रेब्बैनिकल नियम से तय होता है। यहां पति की मर्जी के बिना कोर्ट महिला की तलाक की अपील नहीं सुनती। साथ ही, ये भी जरूरी है कि दोनों छह साल से अलग रह रहे हों।


ट्यूनिशिया में लड़कियों को अपने पिता की संपत्ति में बराबर का हिस्सा नहीं मिलता। उन्हें अपने भाई को मिलने वाले हिस्से का हमेशा आधा ही मिलेगा। भाई नहीं हो तो भी संपत्ति का सिर्फ आधा हिस्सा मिलता है। यहीं संपत्ति में हिस्सेदारी का यही नियम सऊदी अरब में भी है।


कांगो में महिलाओं के हर फैसले उनके पति या घर के पुरुषों पर निर्भर होते हैं। महिलाओं के काम भी वहीं तय करते हैं। यहां महिलाएं सिविल कोर्ट में भी अकेल नहीं जा सकती हैं और न ही अकेले अपना बिजनेस शुरू कर सकती हैं। यमन और गिनी में भी ऐसे ही नियम-कायदे हैं।



सऊदी अरब में 1990 में जारी फतवे के बाद महिलाओं के ड्राइविंग करने पर पाबंदी है। हालांकि, ऑफिशियल तौर पर इसका लिखित में कहीं जिक्र नहीं है।

सऊदी को भूल जाइए, भारत के इस पड़ोसी देश में हाथों से निकाल लेते हैं तेल


इंटरनेशनल डेस्क. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के प्राइस तेजी से नीचे आने से सऊदी अरब को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्योंकि देश की 90% जीडीपी ऑयल पर ही निर्भर है। क्रूड ऑयल को निकालना और उसकी रिफायनरी टेक्निक काफी महंगी होती है। ऐसे में हम आपको भारत के पड़ोसी देश म्यांमार के बारे में बता रहे हैं, जहां लोग क्रूड ऑयल हाथों से ही निकाल लेते हैं। कैसे निकालते हैं क्रूड ऑयल...

- तेल के कुंए को खोदने के लिए वर्कर ट्राइपॉड नुमा (तीन टांग वाला) बांस या पेड़ के तने का इस्तेमाल कर उसे जमीन में गाड़ते हैं।
- यह करीब 40-50 फीट ऊंचे होते हैं। इसमें चरखी लगा होती है, जिसकी मदद से ड्रिल करके ऑयल खींचा जाता है।
- हालांकि, ऑयल की सतह तक पहुंचने के लिए वर्कर्स को घंटों मशक्कत करनी पड़ती है।
- एक वर्कर 300 फीट वाले कुंए से हाथ से ही खींच कर तेल निकालता है।
- हर दिन तीन छोटे तेल के कुंए से 30 डॉलर (करीब 2000 रु) का क्रूड ऑयल जमीन से निकाल जाता है।
- कुछ वर्कर्स ने कुंए के परमिट किसानों से 1,000 डॉलर (66 हजार रुपए) में खरीदे हैं।
- यहां कड़ी मेहनत के बाद एक वर्कर दिनभर में 300 बैरल क्रूड ऑयल इकट्ठा करता है।
- इसकी कीमत 3,000 डॉलर होती है, जिसे स्थानीय रिफाइनरी को बेचा जाता है।
आर्मी रूल ने नहीं होने दिया मॉर्डनाइजेशन
- म्यांमार में लोग अब भी परंपरागत तरीके से क्रूड निकालने का काम कर रहे हैं।
- 50 साल से आर्मी रूल झेल रहा ये देश अब तक फॉरेन इन्वेस्टमेंट से दूर रहा है।
- यहां नेचुरल रिसोर्सेस के एक बड़े हिस्से (ऑयल सेक्टर) का मॉर्डनाइजेशन होना बाकी है।

महंगा है ऑयल निकालना
- एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक एकड़ ऑयल फील्ड की कीमत लगभग 4,000 डॉलर (2.62 लाख रु) होती है। 
- जबकि ड्रिलिंग 2,000 डॉलर (1.33 लाख रु) है। वहीं, इसका परमिट लोकल रिफाइनरी से खरीदा जाना आवश्यक शर्तों में से है।
- कीमतों में अंतर हो सकता है। पर बात जब रिश्वत देने पर आती है, तो ड्रिलिंग और भी महंगी हो जाती है।
- कई ड्रिलर खुद के सोर्सेज का इस्तेमाल कर आपस में हिस्सा बांट लेते हैं।
- वहीं, कुछ तब तक हाथ से ड्रिलिंग करते रहते हैं, जब तक उनके पास खुद का जेनरेटर खरीदने की हैसियत न हो जाए।

झगड़े भी होते हैं यहां
- यहां के कई ऑयल फील्ड में ड्रिलर अवैध तरीके से भी तेल निकालने का काम रहे हैं।
- इन्हें रोकने पर ये हिंसा पर भी उतारू हो जाते हैं।
- 2011 में आर्मी रूल खत्म होते ही म्यांमार ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ऑयल ब्लॉक्स फाॅरेन इन्वेस्टमेंट के लिए खोल दिए।
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